रिश्ते हमे चाहे जितने दर्द दे ॥
तब भी हम उन्हें दिल से निभाये जाते है ...
वो तो हमारे दिल में रहते है
जिनसे हम रिश्ते बना लेते है .....
क्योंकि जो रिश्ते दिमाग से निभाने की कोशिश करते है ....
वो हर रिश्ते को निभाने की एक वजह ढूँढा करते है ......
रिश्ते तो एक जज़्बात होते है .....
जो दिल से उठते है और दर्द हो या खुशी ...
दिल में ही बस जाते है .....
रिश्ते तो सिर्फ और सिर्फ दिल से बनते है ...
और दिल से ही निभाये जाते है
बहुत खूबसूरत बात कही है ..रिश्ते दिल से ही निभाए जाते हैं ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा है अजय और बिलकुल सही लिखा है / दिल के रिश्तों का कोई नाम हो जरुरी नहीं /
जवाब देंहटाएंबधाई हो
> क्योंकि जो रिश्ते दिमाग से निभाने की कोशिश करते है ....
जवाब देंहटाएं> वो हर रिश्ते को निभाने की एक वजह ढूँढा करते है
bahut gahri naat hai ye
its gud n very true keep it up
जवाब देंहटाएंits too gud keep it up
जवाब देंहटाएंkuch rishte hote hain
जवाब देंहटाएंjo dukh dete hain
or kuch rishto se jindgi khushal ban jati hai
chahe koi bhi mod ho
hum ye rishte dil se nibhate hi hai
...
achhi rachna
..
"रिश्ते तो एक जज़्बात होते है .....
जवाब देंहटाएंजो दिल से उठते है और दर्द हो या खुशी ...
दिल में ही बस जाते है ....."
सीधी, सही, सच्ची और बहुत अच्छी बात
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 25-01-2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
रिश्ते तो सिर्फ और सिर्फ दिल से बनते है ...
जवाब देंहटाएंऔर दिल से ही निभाये जाते है
बिल्कुल सही बात कही।
बहुत ही अहम् बात कही है तुमने अपनी इस कविता में.
जवाब देंहटाएंदिमाग केवल सच्चाई नापता है
पर जीवन की गहराई महसूस होती है ,
सिर्फ दिल से....
क्योंकि जो रिश्ते दिमाग से निभाने की कोशिश करते है ....
जवाब देंहटाएंवो हर रिश्ते को निभाने की एक वजह ढूँढा करते है ......
सच यही है ..बहुत सुंदर
bahut hi sundar abhivyakti hai rishato ki ,dil se hi rishto ko nibhaya ja sakta hai dimag se nahi .achchhi line hai .
जवाब देंहटाएंJO DARD DIYE APNO NE DIYE ,GAIRON ME KAHAN DUM THA.
जवाब देंहटाएंMERI KASHI HAI WAHANDOOBI JAHAN PANI KUM THA.
रिश्ते तो एक जज़्बात होते है .....
जवाब देंहटाएंजो दिल से उठते है और दर्द हो या खुशी ...
दिल में ही बस जाते है .....
WAAH!bahut khoob!!! lajawaab Ajaye ji
सचमुच, रिश्ते तो दिल से ही निभाए जाते हैं
जवाब देंहटाएंaapne bahot achchi kavita likhi hai.
जवाब देंहटाएंरिश्ते तो सिर्फ और सिर्फ दिल से बनते है ...
जवाब देंहटाएंऔर दिल से ही निभाये जाते है..
सच, रिश्ते तो दिल से ही निभाए जाते हैं.....बहुत सुंदर...
rishton ka bhut khoobsurat chitran h
जवाब देंहटाएंajay ji aapki sabhi rachnayein bahut hi sunder hai
जवाब देंहटाएंsahi kaha aapne kucchh riste dil se banaye or dil se hi nivaye jaate hai...quki riston pe koi zor nhi chalta...bhut khubsurat bayakhaya kia hai aapne dil ke riste ko...
जवाब देंहटाएंसच, रिश्ते तो दिल से ही निभाए जाते हैं| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंसच, रिश्ते तो दिल से ही निभाए जाते हैं| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंकुछ लोग जीते जी इतिहास रच जाते हैं
जवाब देंहटाएंकुछ लोग मर कर इतिहास बनाते हैं
और कुछ लोग जीते जी मार दिये जाते हैं
फिर इतिहास खुद उनसे बनता हैं
आशा है की आगे भी मुझे असे ही नई पोस्ट पढने को मिलेंगी
आपका ब्लॉग पसंद आया...इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी
कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
बहुत मार्मिक रचना..बहुत सुन्दर...होली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुच कहा आपने रिश्ते दिल के लिए ही होते है आज कल तो इस स्वार्थी दुनिया में लोग रिश्ते सिर्फ टाइम पीरियड और मतलब के लिए बनाते हैं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !!!!!!
Rishton ki khubsurat bangi..sundar...aabhar
जवाब देंहटाएंristhe dil se nibhaye jate he..dil se dil ko chu dene wali rachana he......
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने.
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
जवाब देंहटाएंnice blog mere blog me bhi aaye dil ki jubaan
जवाब देंहटाएंहिंदी भाषा के प्रोत्साहन के लिए इस ब्लॉग को बढ़ावा दे तथा इस लिंक पर क्लिक कर इस ब्लॉग को फोल्लो करे ! http://ajaychavda.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंबिल्स्कुल सही कहा। मगर कई बार बेवजह हम रिश्त्तो से दूरी बना लेते हैं समझ नही पाते उनकी अहमियत जब दिमाग से काम लेने लगते हैंकै गलतफहमियाँ आ ही जाती हैं इसी बात पर दोाशार कहूँगी।
जवाब देंहटाएंइराबत हो जो रिश्तों मे बहुत दिन तक नही टिकते
यकीं वो कर नही पाये तो हम करवा नही पाये
नहीं है ज़िन्दगी के इम्तिहाँ का भी गणित निर्मल
समझ पाये न वो मज़्मून हम समझा नही पाये
अच्छी लगी आपकी कविता। शुभकामनायें।
रिश्ते तो सिर्फ और सिर्फ दिल से बनते है ...
जवाब देंहटाएंऔर दिल से ही निभाये जाते है
bahut sahi kaha aapne
really a heart touchin poetry.really nice......
जवाब देंहटाएंरिश्ते हमे चाहे जितने दर्द दे ॥
जवाब देंहटाएंतब भी हम उन्हें दिल से निभाये जाते है ...
वो तो हमारे दिल में रहते है
जिनसे हम रिश्ते बना लेते है .....
जिंदगी की सच्चाई यही है और जिंदगी भी... शुभकामनायें.... :)
वो तो हमारे दिल में रहते है
जवाब देंहटाएंजिनसे हम रिश्ते बना लेते है ..
waaaaaaah ....rishto ki nazakat se hum sab roz gujerte hai.....chahe kitna dard de hum dil se lagaye rahte hai......
बहुत ही खुबसूरत
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