क्यों लाल हुआ मेरा जयपुर
ऐसा तो न था कभी मेरा जयपुर
जो कठपुतली वाले बाबा की पगड़ी सा लाल था
जो लहंगों और चुन्नियों के रंगों सा रक्ताभ था
रक्त से क्यूं , उफ़ , क्यूं लाल हो गया मेरा जयपुर
जीवन की उष्णता से भरपूर जिवंत है मेरा जयपुर
लो आज फिर , हाँ फिर से जी उठा है ये
यूँ तो एक बार चीत्कार उठा था ये
पर देखो फिर से हूंकार उठा मेरा जयपुर
विध्वंस और विस्फोट की चोट देना चाहते थे जो
उन्हें सौहाद्र और समर्पण की ललकार दे रहा मेरा जयपुर
क्योंकि देश की आन है जयपुर , देश की शान है मेरा जयपुर
ऐसा तो न था कभी मेरा जयपुर
जो कठपुतली वाले बाबा की पगड़ी सा लाल था
जो लहंगों और चुन्नियों के रंगों सा रक्ताभ था
रक्त से क्यूं , उफ़ , क्यूं लाल हो गया मेरा जयपुर
जीवन की उष्णता से भरपूर जिवंत है मेरा जयपुर
लो आज फिर , हाँ फिर से जी उठा है ये
यूँ तो एक बार चीत्कार उठा था ये
पर देखो फिर से हूंकार उठा मेरा जयपुर
विध्वंस और विस्फोट की चोट देना चाहते थे जो
उन्हें सौहाद्र और समर्पण की ललकार दे रहा मेरा जयपुर
क्योंकि देश की आन है जयपुर , देश की शान है मेरा जयपुर
आह मेरा जयपुर ..................... वह मेरा जयपुर