गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

पहली मुलाकात



तेरे इंतज़ार का हर लम्हा
हर लम्हा यूं ही लंबा होता जाता था

मिलन की आस मुझे थी लेकिन
मै यूं ही हर पल चलता जाता था
 
तेरे मिलन की आस मुझे हर पल
दूर किरण एक आशा की दिखलाती थी
 
भान मुझे था की तुम कैसी हो ..
भोली भाली और थोड़ी इठलाती सी

प्यार ढेरों होगा तेरे दिल में और
अभिव्यक्ति होगी तेरे मुखड़े पर
 
नहीं भूलेगा वो पल
हाँ नहीं भूलेगा वो एक पल मुझे
जब तुमसे मेरी नज़र मिली

तेरी  नज़रों में उमड़ता
वो मेरे लिए ढेरों प्यार मिला
 
तेरी आँखों में वो हीरे सी चमक 
तेरी वो हर पल मुझे लुभाती मुस्कुराहट

वो तेरी जुल्फों का तेरे गालों पर गिरना
और वो तेरा
नटखट सा खिलखिलाना  
 
तेरी हर एक साँस और
दिल की हर एक धड़कन .....

सब याद है मुझे .. हरेक पल याद है मुझे
सदा ही याद रहेगा मुझे ... वो हर एक पल

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

अब रहा नहीं जाता .........



अब रहा नहीं जाता है
तेरे लिए हर पल ये दिल धड़कता है

तू क्यों नहीं आती दो पल के लिए भी
बस ये ही मेरा मन सोचा करता है

ना जाने कब वो रैन आएगी
ना जाने कब वो पल आएगा
ये बेचारा दिल बाट जोहता रहता है

फिर तेरा दीदार होगा
फिर तेरी मुस्कान होगी

फिर तेरा स्पर्श होगा
फिर तेरी खिलखिलाहट होगी

ना जाने वो कैसा एहसास होगा
ना जाने वो कैसा पल होगा

तू मेरे आस पास होगी
और ना कोई हमारे साथ होगा

अब तो लगता   है जैसे
क्या  ये कभी सच होगा

होगा तो ये कब होगा
और गर ये होगा

अब तो लगता  है की गर ये होगा
तो ना जाने इन् अंखियो को विश्वास होगा
या ना होगा

तू इन् अखियो को विश्वास दिलाने ही आजा

बस दो पल को आजा