शनिवार, 27 नवंबर 2010

बूंदे जो बनती हैं .....


बूंदे जो बनती हैं ..... बन कर बरसती हैं
लगता है उन्हें मेरे अरमान पता हैं


बूंदे जो बरसती हैं ..... बरस कर मिट जाती हैं
लगता है उन्हें मेरे दिल का हाल पता है


बूंदे जो मिटती हैं .... मिट कर बह जाती हैं
लगता है उन्हें मेरे बीतो पलों का इतिहास पता है


बूंदे जो बह कर फिर उठ जाती हैं .... बादल बन जाती हैं
लगता है उन्हें मेरे प्यार को पाने के जज्बे का पता है